हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : न किसी से गिला है न किसी से शिकवा। जब हमारा भाग्य ही हमसे रूठा है तो हम किसे दोष दें?.. कुछ इस तरह के शब्द निकलते हैं भरुआ सुमेरपुर ब्लाक के कैथी गांव के निवासियों के।
गांव के लोग बिगड़ी नियति का सहारा हरि हर को मानकर उन्हीं का नाम लेने बैठने के बाद अब साफ शब्दों में कहते हैं कि हमें किसी से कोई दिक्कत नहीं। सरकार के द्वारा चलाई जाने वाली कल्याणकारी योजनाएं हमारे पास पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देती हैं। आखिर आजाद भारत में ऐसा क्यों होता है। शिक्षा के लिए कक्षा पांच से ज्यादा का स्कूल नही, लिहाजा बच्चों को या तो बाहर भेजो या फिर घर में बैठाकर बखर हंकवाओ। खैर आज नही तो कल भगवान को भी सुधि आएगी ही और विकास की रोशनी गांव में आएगी। तब शायद हमारा भाग्य सुधरे। वैसे गांव में चल रही अखंड राम धुन को शुक्रवार को 39 दिन बीत गए हैं, और इससे गांव के माहौल में आशातीत परिवर्तन हुआ है। कल तक नशे की गिरफ्त में रहने वाले युवा आज राम नाम का तप करते सड़कों व गलियों पर दिखते हैं।
ग्राम प्रधान वासुदेव निषाद, उम्मेद सिंह, अरिमर्दन सिंह, विकास शिवहरे, रामवती, मौजी लाल, शिव मूरत, राम लाल आदि कहते हैं कि भइया राम जी के सहारे हम बैठे हैं और उसी राम की पूजा तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी करते हैं अब उनको कब इस गांव की याद आएगी। यह तो वही जानते हैं पर इतना साफ है कि आज नही तो कल वह यहां पर आएंगे और राम नाम यज्ञ में भाग लेकर कृतार्थ करेंगे।
गांव के लोग बिगड़ी नियति का सहारा हरि हर को मानकर उन्हीं का नाम लेने बैठने के बाद अब साफ शब्दों में कहते हैं कि हमें किसी से कोई दिक्कत नहीं। सरकार के द्वारा चलाई जाने वाली कल्याणकारी योजनाएं हमारे पास पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देती हैं। आखिर आजाद भारत में ऐसा क्यों होता है। शिक्षा के लिए कक्षा पांच से ज्यादा का स्कूल नही, लिहाजा बच्चों को या तो बाहर भेजो या फिर घर में बैठाकर बखर हंकवाओ। खैर आज नही तो कल भगवान को भी सुधि आएगी ही और विकास की रोशनी गांव में आएगी। तब शायद हमारा भाग्य सुधरे। वैसे गांव में चल रही अखंड राम धुन को शुक्रवार को 39 दिन बीत गए हैं, और इससे गांव के माहौल में आशातीत परिवर्तन हुआ है। कल तक नशे की गिरफ्त में रहने वाले युवा आज राम नाम का तप करते सड़कों व गलियों पर दिखते हैं।
ग्राम प्रधान वासुदेव निषाद, उम्मेद सिंह, अरिमर्दन सिंह, विकास शिवहरे, रामवती, मौजी लाल, शिव मूरत, राम लाल आदि कहते हैं कि भइया राम जी के सहारे हम बैठे हैं और उसी राम की पूजा तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी करते हैं अब उनको कब इस गांव की याद आएगी। यह तो वही जानते हैं पर इतना साफ है कि आज नही तो कल वह यहां पर आएंगे और राम नाम यज्ञ में भाग लेकर कृतार्थ करेंगे।
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