एक ऐसा स्थान जो विश्व भर के लोगो के लिये किंवदंतियों कथाओं कथानकों के साथ ही यथार्थ चेतना का पुंज बना हुआ है। प्रजापति ब्रह़मा के तपोबल से उत्पन्न पयस्वनी व मां अनुसुइया के दस हजार सालों के तप का परिणाम मां मंदाकिनी के साथ ही प्रभु श्री राम के ग्यारह वर्ष छह माह और अठारह दिनों के लिये चित्रकूट प्रवास के दौरान उनकी सेवा के लिये अयोध्या से आई मां सरयू की त्रिवेणी आज भी यहां पर लोगों को आनंद देने के साथ ही पापों के भक्षण करने का काम कर रही है।
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Monday, January 18, 2010
स्वावलंबन को चल रहे कार्य से प्रदीप उत्साहित
चित्रकूट। केंद्रिय मंत्री ने सद्गुरु सेवा संघ के सेवा कार्यो को देखा फिर आरोग्यधाम की गौशाला गये। उन्होंने जानकीकुंड चिकित्सालय में लेप्रोकोन कार्यशाला के दौरान मरीजों के आपरेशन के दृश्य देखकर कहा कि उन्होंने अस्पताल के सीएमओ डा. वीके जैन से झांसी में भी यहां की तरह सेवा कार्य के विस्तार करने को कहा। इस काम के लिये उन्हें झांसी आने का न्योता भी दिया।
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