हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : भरुआ सुमेरपुर क्षेत्र के कैथी गांव के प्राचीन शिव मंदिर में क्षेत्रीय जन समस्याओं के विरोध में राम धुन के रूप में शुरू हुए अनूठे लेकिन पावन आंदोलन में स्याह रंग लग गया। गत 41 दिन से लगातार जारी राम धुन में लीन रहे एक ग्रामीण की गत रात्रि मृत्यु हो गयी। बताते हैं कि वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गांव में न आने से क्षुब्ध था और शाम से ही 'इतने दिन बीत गये इंतजार करते हुए, लेकिन अखिलेश नहीं आए, अखिलेश नहीं आए..' कह रहा था। रात में सीने में दर्द होने के बाद उसके प्राण निकल गये। अंदेशा है कि हृदयाघात से उसकी मौत हुई।
जानकारी के मुताबिक भरुआ सुमेरपुर ब्लाक के कैथी गांव निवासी भोला अपनी पत्नी मुन्नी देवी व पांच बच्चों के साथ रहते थे। परिवार का पेट पालने के लिए वह दर्जीगिरी करते थे। उनकी एक बेटी विवाह योग्य और बाकी नाबालिग हैं। क्षेत्रीय जन समस्याओं को लेकर गांव के प्राचीन शिव मंदिर में गत 9 अक्टूबर से चल रही राम धुन में वह भी सहभाग कर रहा था। इस आंदोलन का उद्देश्य सूबे के मुखिया अखिलेश यादव को गांव बुलाना बन चुका है। यहां अनवरत राम धुन के लिए कुछ घंटों की पाली की व्यवस्था की गयी है। रविवार देर शाम से वह लोगों से कहते घूम रहे थे कि, 'इतने दिन बीत गए। गांधी राम भजन कर अंग्रेजों को झुका लेते थे पर लगता है कि हमारे द्वारा चुनी गई सरकार के मुख्यमंत्री के कानों तक गुहार नहीं पहुंच रही है।' भोला राम धुन करने रविवार रात 2 बजे की पाली में भी आए। घंटा भर बाद लगभग 3 बजे उनके सीने में अचानक दर्द उठा और बोले कि, 'दिल घबरा रहा है। जल्दी घर ले चलो।'
राम धुन में लगे विकास शिवहरे व जीतेन्द्र सिंह उन्हें घर लेकर जा रहे थे तभी वह तीन-चार बार बोले कि, 'लगता है मुख्यमंत्री आएंगे नहीं।' दोनों लोग उनको घर पहुंचकर वापस रामधुन स्थल शिव जी के मंदिर में आ गए। थोड़ी देर बाद खबर आई कि भोला के सांसों की डोर टूट गई है। इसके बाद कोहराम मच गया। ग्रामीण भोला के घर दौड़ पड़े। भोला की पत्नी मुन्नी देवी ने कहा कि उनकी संतानें अनाथ हो गए। ग्रामीणों ने पुरोहितों की सलाह पर सोमवार दोपहर 2 बजे के बाद केवन नदी के गढ़ा घाट में जल दाह कर दिया। भोला की मौत से गांव में मातम का माहौल है।
'राजनाथ आयेंगे, होगा बड़ा आंदोलन'
दोपहर बाद गांव पहुंचीं विधायक साध्वी निरंजन ज्योति ने पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि भोला गांव के विकास के नाम पर शहीद हुए हैं। उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। उन्होंने लोगों को सांत्वना देते हुए तेरहवीं में आर्थिक मदद देने का आश्वासन देते हुए कहा कि जल्द ही गांव में भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह आएंगे और बड़ा आंदोलन किया जाएगा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता युगराज सिंह ने कहा कि उन्हें भोला की मौत का दु:ख है। वह मंगलवार को गांव में जाकर हालत देखेंगे और फिर वरिष्ठ नेताओं से बात करेंगे। अपर जिलाधिकारी रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि उन्होंने गांव में टीम भेज दी है। रिपोर्ट मिलने पर पीड़ित परिवार की मदद की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक भरुआ सुमेरपुर ब्लाक के कैथी गांव निवासी भोला अपनी पत्नी मुन्नी देवी व पांच बच्चों के साथ रहते थे। परिवार का पेट पालने के लिए वह दर्जीगिरी करते थे। उनकी एक बेटी विवाह योग्य और बाकी नाबालिग हैं। क्षेत्रीय जन समस्याओं को लेकर गांव के प्राचीन शिव मंदिर में गत 9 अक्टूबर से चल रही राम धुन में वह भी सहभाग कर रहा था। इस आंदोलन का उद्देश्य सूबे के मुखिया अखिलेश यादव को गांव बुलाना बन चुका है। यहां अनवरत राम धुन के लिए कुछ घंटों की पाली की व्यवस्था की गयी है। रविवार देर शाम से वह लोगों से कहते घूम रहे थे कि, 'इतने दिन बीत गए। गांधी राम भजन कर अंग्रेजों को झुका लेते थे पर लगता है कि हमारे द्वारा चुनी गई सरकार के मुख्यमंत्री के कानों तक गुहार नहीं पहुंच रही है।' भोला राम धुन करने रविवार रात 2 बजे की पाली में भी आए। घंटा भर बाद लगभग 3 बजे उनके सीने में अचानक दर्द उठा और बोले कि, 'दिल घबरा रहा है। जल्दी घर ले चलो।'
राम धुन में लगे विकास शिवहरे व जीतेन्द्र सिंह उन्हें घर लेकर जा रहे थे तभी वह तीन-चार बार बोले कि, 'लगता है मुख्यमंत्री आएंगे नहीं।' दोनों लोग उनको घर पहुंचकर वापस रामधुन स्थल शिव जी के मंदिर में आ गए। थोड़ी देर बाद खबर आई कि भोला के सांसों की डोर टूट गई है। इसके बाद कोहराम मच गया। ग्रामीण भोला के घर दौड़ पड़े। भोला की पत्नी मुन्नी देवी ने कहा कि उनकी संतानें अनाथ हो गए। ग्रामीणों ने पुरोहितों की सलाह पर सोमवार दोपहर 2 बजे के बाद केवन नदी के गढ़ा घाट में जल दाह कर दिया। भोला की मौत से गांव में मातम का माहौल है।
'राजनाथ आयेंगे, होगा बड़ा आंदोलन'
दोपहर बाद गांव पहुंचीं विधायक साध्वी निरंजन ज्योति ने पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि भोला गांव के विकास के नाम पर शहीद हुए हैं। उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। उन्होंने लोगों को सांत्वना देते हुए तेरहवीं में आर्थिक मदद देने का आश्वासन देते हुए कहा कि जल्द ही गांव में भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह आएंगे और बड़ा आंदोलन किया जाएगा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता युगराज सिंह ने कहा कि उन्हें भोला की मौत का दु:ख है। वह मंगलवार को गांव में जाकर हालत देखेंगे और फिर वरिष्ठ नेताओं से बात करेंगे। अपर जिलाधिकारी रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि उन्होंने गांव में टीम भेज दी है। रिपोर्ट मिलने पर पीड़ित परिवार की मदद की जाएगी।
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