Thursday, January 23, 2020

चमत्कार: बिना पार्किंग के खड़ी होती है हजारों गाड़ियां







विश्व प्रसिद्व धार्मिकस्थल चित्रकूट का तेजी से गौरव बढ़ाने का काम अब सरकार कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा घोषित व बिड कराई गई फोर लेन सड़कें लगभग तैयार हो चुकी हैं। हैरत की बात यह है कि चित्रकूट महायोजना 2020 में जहां बेडीपुलिया से लेकर सीतापुर पर्यटक तिराहे तक के क्षेत्र को होटलों व लाॅजों के लिए घोषित किया गया था, वहीं होटल व लाॅजों के चलाने के लिए कुछ नियमन भी तय किए गए थे। इनमें सबसे प्रमुख नियम पार्किंग का था। 


 लेकिन सदियों से चित्रकूट में आने वाले यात्रियों के वाहन खड़े करने के लिए प्रशासन ने कभी भी वाहन पार्किंग स्टैंड के लिए विचार नही किया। पिछले दस सालों में चित्रकूट में होटलों व लाॅजों की संख्या में तो तेजी से वृद्वि हुई है, पर किसी भी होटल या लाॅज वाले ने पार्किंग का निर्माण सही रूप में नही करवाया है। चित्रकूट में प्रतिदिन आने वाले सैकड़ों चार पहिया व छह पहिया वाहन सडक के किनारे और सड़कों पर ही पार्क होते दिखाई देते हैं। हैरत की बात यह है कि 6 मई 1997 को चित्रकूट के जिला बनने के बाद अभी तक दर्जनों जिलाधिकारी आकर चले गए और किसी ने भी उप्र क्षेत्र में पार्किंग के विषय में नही सोचा और न ही प्रस्ताव किया। 
गौरतलब है कि साल की 12 अमावस्या में लगभग 10 अमावस्या भारी भीड वाली होती है। जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्वालु आते हैं और हजारों की संख्या में वाहन, इन वाहनों को मठ मंदिर या होटल लाॅजों के बाहर खडा होता आराम से देखा जा सकता है। वैसे अब तो रामायण मेला परिसर के पास व अन्य स्थानों पर यात्रियों के द्वारा की जाने वाली अराजकता को आराम से देखा जा सकता है, ज बवह बीच सडक पर ही कब्जा कर खाना इत्यादि बनाना प्रारंभ कर देते हैं। प्रशासन मेला के समय एक दो दिन के लिए लोगों के खेतों पर अस्थायी तौर पर स्टैंडों का निर्माण करा देता है, लेकिन यह व्यवस्था लगातार होनी चाहिए। सूत्रों बताते हैं कि चित्रकूट में अभी तक तमाम जमीनें ग्राम समाज व सरकारी पड़ी हैं, जिन पर अवैध कब्जे हैं। लेकिन भूमाफियाओं के चलते उन पर कभी भी किसी निर्माण के लिए प्रशासनिक अधिकारी तैयार नही हुए।

कानपुर से आए अनुज दीक्षित, राजू सराफ आदि लोगों ने कहा कि होटलों में रूकने के बाद भी पार्किंग की व्यवस्था न होना अत्यंत दुखदायी है। कामदगिरि मुख्य द्वार पर तो मध्य प्रदेश की नगर पंचायत के लोग सड़क पर वाहन खडा कराकर पार्किंग शुल्क वसूल लेते हैं। ऐसा नही होना चाहिए। लोगों ने कहा कि मप्र में कामतानाथ, अनुसुइया, गुप्त गोदावरी, स्फटिक शिला में हर जगह अलग -अलग पार्किंग का पैसा लिया जा रहा है। यह भी गलत है। लोगों ने चित्रकूट जैसे अलौकिक आभा वाले धार्मिक पर्यटन क्षेत्र को दो प्रदेशों में बंटा होना भी गलत बताया। कहा कि इसे मुक्त क्षेत्र घोषित होना चाहिए। 

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