- चित्रकूट आ रहे मुख्यमंत्री से जगी उम्मीदें
- सपा ने ही दी थी पुल बनाने की स्वीकृति
हमीरपुर कार्यालय : भले ही भरुआ सुमेरपुर ब्लाक का गांव कैथी रामधुन के जरिए मुख्यमंत्री के आने की आस लगाए बैठा हो, पर आज चित्रकूट की हवाई पट्टी का उद्घाटन करने आ रहे मुख्यमंत्री की नजरें अगर इस जिले में इनायत हो जाए तो कम से कम तीन और बने पड़े पुलों का भाग्य बदल सकता है। गंभीर बात तो यह है कि लगभग सभी पुलों पर सेतु निर्माण निगम ने अपना काम लगभग समाप्त कर दिया है। अब बारी एप्रोच मार्ग बनाने की है लोक निर्माण विभाग की है। लेकिन अपनी लचर कार्यशैली के मशहूर इस विभाग के अधिकारियों को शायद जिले में किसी बड़े आंदोलन का इंतजार है।
वैसे तो राम के नाम का सहारा लेकर कैथी गांव के लोग बैठे ही हैं। उन्हें आशा ही नही बल्कि अब पूरा विश्वास हो चला है कि अखिलेश भइया तक उनकी बात जरूर पहुंचेगी और वह गांव में आकर राम-राम करेंगे।
बताते चलें कि पूर्व सपा शासनकाल में जिले के विकास के लिए तीन पुलों की स्वीकृति प्रदान की गयी थी, जो आज भी अधूरे पड़े हैं। वर्ष 2006 में जिले को सपा सरकार ने तीन नए पुलों की सौगात दी थी। यह तीनों पुल बेतवा, यमुना और चन्द्रावल नदी पर बनाए जाने थे। इन पुलों का निर्माण कार्य 2010-2011 में खत्म होना था लेकिन यह सभी आज भी आधे-अधूरे पड़े हैं। इन पुलों के बन जाने से आवागमन की दूरी तो घटेगी ही जिले का विकास भी तेज हो जाएगा। जहां मनकी पुल से आवागमन की दूरी करीब 40 किलोमीटर घट जाएगी, वहीं कैंथी व जलालपुर के आसपास के गांवों के ग्रामीणों को तैरकर नगर नहीं आना पड़ेगा।
विदित है कि पूर्व में कानपुर-सागर मार्ग पर बने यमुना पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण यातायात बाधित रहा, लोगों को कुरारा, जोल्हूपुर मोड़ कालपी होते हुए कानपुर यात्रा करनी पड़ती थी। वर्तमान में कुरारा से मूसानगर वाया हमीरपुर होकर जाने पर दूरी करीब 65 किमी पड़ती पड़ती है। पुल बन जाने पर यह घटकर 25 किमी ही रह जाएगी।
- सपा ने ही दी थी पुल बनाने की स्वीकृति
हमीरपुर कार्यालय : भले ही भरुआ सुमेरपुर ब्लाक का गांव कैथी रामधुन के जरिए मुख्यमंत्री के आने की आस लगाए बैठा हो, पर आज चित्रकूट की हवाई पट्टी का उद्घाटन करने आ रहे मुख्यमंत्री की नजरें अगर इस जिले में इनायत हो जाए तो कम से कम तीन और बने पड़े पुलों का भाग्य बदल सकता है। गंभीर बात तो यह है कि लगभग सभी पुलों पर सेतु निर्माण निगम ने अपना काम लगभग समाप्त कर दिया है। अब बारी एप्रोच मार्ग बनाने की है लोक निर्माण विभाग की है। लेकिन अपनी लचर कार्यशैली के मशहूर इस विभाग के अधिकारियों को शायद जिले में किसी बड़े आंदोलन का इंतजार है।
वैसे तो राम के नाम का सहारा लेकर कैथी गांव के लोग बैठे ही हैं। उन्हें आशा ही नही बल्कि अब पूरा विश्वास हो चला है कि अखिलेश भइया तक उनकी बात जरूर पहुंचेगी और वह गांव में आकर राम-राम करेंगे।
बताते चलें कि पूर्व सपा शासनकाल में जिले के विकास के लिए तीन पुलों की स्वीकृति प्रदान की गयी थी, जो आज भी अधूरे पड़े हैं। वर्ष 2006 में जिले को सपा सरकार ने तीन नए पुलों की सौगात दी थी। यह तीनों पुल बेतवा, यमुना और चन्द्रावल नदी पर बनाए जाने थे। इन पुलों का निर्माण कार्य 2010-2011 में खत्म होना था लेकिन यह सभी आज भी आधे-अधूरे पड़े हैं। इन पुलों के बन जाने से आवागमन की दूरी तो घटेगी ही जिले का विकास भी तेज हो जाएगा। जहां मनकी पुल से आवागमन की दूरी करीब 40 किलोमीटर घट जाएगी, वहीं कैंथी व जलालपुर के आसपास के गांवों के ग्रामीणों को तैरकर नगर नहीं आना पड़ेगा।
विदित है कि पूर्व में कानपुर-सागर मार्ग पर बने यमुना पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण यातायात बाधित रहा, लोगों को कुरारा, जोल्हूपुर मोड़ कालपी होते हुए कानपुर यात्रा करनी पड़ती थी। वर्तमान में कुरारा से मूसानगर वाया हमीरपुर होकर जाने पर दूरी करीब 65 किमी पड़ती पड़ती है। पुल बन जाने पर यह घटकर 25 किमी ही रह जाएगी।
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