Thursday, April 4, 2013

मंजि़ल की ओर बढ़ रहे हैं अनथके कदम

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : नवरात्रि बीती, दशहरा गया, दीपावली भी निकल गई, पर पता नही कब चेतेंगे हुक्मरान? जी हां, अब इसी तरह की बातें न केवल मौहर व अन्य आसपास के गांवों के लोगों के मुंह से निकल रही हैं बल्कि भरुआ सुमेरपुर ब्लाक के कैथी गांव में राम धुन करने वालों के पास आसपास के दर्जनों गांवों के लोग हौसला बढ़ाने प्रतिदिन पहुंच रहे हैं। कैथी गाँव के प्राचीन शिव मंदिर में राम धुन बृहस्पतिवार को भैया दूज पर लगातार 38वें दिन भी जारी रही।

मौहर गांव के श्याम हो फिर भरुआ सुमेरपुर के भवानी प्रसाद सभी के मुंह से इस हिदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक राम नाम उच्चारण महायज्ञ के प्रति साधुवाद ही निकलता है। गंभीर बात यह है कि जहां गांवों के आम लोग कैथी के लोगों की तारीफ करते नहीं अघाते वहीं हुक्मरानों व नौकरशाहों को कोसने का भी काम करते हैं। लोगों में सबसे ज्यादा गुस्सा बिजली विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर है। गांवों के लोग कहते हैं कि जहां प्रशासनिक अधिकारियों ने तेजी दिखाकर निर्देश दिए और सबसे बढि़या काम स्वास्थ्य विभाग ने किया वहीं सेतु निर्माण निगम व बिजली विभाग के अधिकारी तो पता नही किस मिट्टी के बने हैं। भगवान राम का भजन कर रहे कैथी में तो अब राम राज्य के दर्शन हो रहे हैं यहां के लोगों के अहिंसक अनोखे आंदोलन से बाकी लोगों को सबक लेना चाहिए। लेकिन दीपावली के पहले गांव में बिजली जला कर देने वाली बात करने वाले अधिकारी पता नही किस मिट्टी के बने हैं जो इनके कान में जूं नही रेंग रही है। ग्राम प्रधान वासुदेव निषाद कहते हैं केवल राम राम के सहारे नैया पार हो जाएगी। सर्दी, गर्मी व बरसात की परवाह नही है, बस हमें अपनी मंजिल यानि अखिलेश भैया का इंतजार है।

अब माला फेरकर राम नाम का जप

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : न कोई रंज है न ही कोई शिकवा, राम के सहारे बस गांव की समस्याओं के निदान की आस है। भरुआ सुमेरपुर ब्लॉक के कैथी गांव के प्राचीन शिव मंदिर में जहां मंगलवार को दीपावली पर्व पर लगातार 36वें दिन राम का नाम लेकर एक ओर हिंदू और मुसलमान राम का नाम लेने में डटे रहे, वहीं घास-फूस की कुटी में पांच लोगों ने पूरे विधि-विधान के साथ राम नाम का जप प्रारंभ कर दिया है।

मंगलवार की सुबह दीपावली के पुण्य मुहूर्त में ग्रामीणों ने यज्ञ वेदी का विधिवत पूजन कर भगवान राम का नाम लेकर राम नाम का जप माला के सहारे प्रारंभ कर दिया। इस दौरान प्रधान वासुदेव निषाद ने बताया कि वह पुराने शिव मंदिर में राम नाम का सुमिरन करते 35 दिन बीत गए, गांव वालों में भगवान का नाम सुमिरन करने के लिए और भी ज्यादा उत्साह को देखते हुए सामने के मैदान को साफ कराकर उसमें कांसे की कुटिया के साथ यज्ञवेदी का निर्माण करा दिया गया है। इस यज्ञ वेदी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा हवन करने के बाद ही यज्ञ की पूर्णाहुति होगी। पांच लोग हर समय यहां पर राम नाम का माला फेरने का काम करेंगे। इसके साथ ही मंदिर में भी राम नाम का जप चलता रहेगा। उन्होंने बताया कि पांच पांच लोगों की ड्यूटी इस काम में लगाई गई है। सभी लोग प्रसन्नचित मन से इस काम में सहभाग कर रहे हैं।

गांव के उम्मेद सिंह, अरिमर्दन सिंह, विकास शिवहरे आदि ने बताया कि अब तो सीधे तौर पर राम जी से यही विनती है कि वह हनुमान जी को भेजकर हमारी समस्याओं का निदान करें। गांव में 10 से 15 परिवार मुसलमानों के रहते हैं और वह भी इस महायज्ञ में पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं।

अब कैथी में होगा राम नाम का दूसरा आंदोलन

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : अभी तक तो केवल माइक लगाकर ऊँचे स्वर में ही राम नाम का संकीर्तन करने का काम कैथी में चल रहा था पर दीपावली के दिन श्री गणेश मां लक्ष्मी के पूजन के पहले राम नाम के जप का भी आंदोलन प्रारंभ हो गया। रणनीति पूरी फाइनल हो चुकी है, बस चार चार घंटे की डयूटी कर राम नाम की माला फेरने वालों के नाम फाइनल करना बांकी है।

अब तो इस अनोखे आंदोलन में व्यवस्था देख रहे लोग इस बात को लेकर परेशान हैं कि नाम ज्यादा है और समय कम तो कैसे सभी के हाथों में माला देकर राम नाम का जाप करवाया जाए।

राम धुन के आसरे समस्याओं से समाधान की ओर बढ़ते भरुआ सुमेरपुर ब्लाक के कैथी गांव में लोगों को शिव मंदिर के ओसारे पर बैठे रविवार को 34 दिन बीत गए। इधर तो राम धुन में ग्रामीणों के साथ ही बाहर से आने वालों की तादाद को देखते हुए मंदिर में समुचित प्रबंध किए गए हैं। इसके साथ ही ग्राम प्रधान के नेतृत्व में लोगों ने मंदिर के सामने की जमीन को साफ कर एक कांसे की कुटिया का निर्माण करने के साथ ही यहां पर एक यज्ञ वेदी का निर्माण किया है।

ग्रामीणों की मानें तो दीपावली की दोपहर बाद यहां पर संकीर्तन के साथ ही कुटिया के अंदर पांच भक्त राम नाम माला फेरने का आंदोलन प्रारंभ कर देंगे। इसके लिए पांच पांच लोगों की चार चार घंटे की डयूटी लगाई जाएगी। ग्राम प्रधान वासुदेव निषाद कहते हैं कि वह खुद इस बात को लेकर आश्चर्यचकित हैं कि गांव के लोग माला फेरने के लिए अति उत्साह दिखा रहे हैं। अभी तक सैकड़ों लोग इस काम के लिए अपनी सहभागिता दर्ज करा चुके हैं। उन्होंने कहा कि दीपावली के बाद तो रामधुन में और भी ज्यादा लोगों की सहभागिता हो जाएगी क्योंकि उस समय तक खेती किसानी का समय खत्म हो जाएगा और घरों में चल रही लिपाई और पुताई का काम भी समाप्त हो चुका होगा।

द्वापरकाल से जारी है अनूठी परंपरा 'दीवारी'

संदीप रिछारिया, हमीरपुर

'सावन सजी कजिलिया, भादौं सजी पुछार, कातिक सजै मौनिया, धरे गऊ की पूंछ..' इस तरह की कूंकियों वाली आवाजें जिले के हर गांव व पुरवों में सुनाई दे रही हैं। भादौं की पंचमी को नैकेश्वर बाबा की पूजा व दशहरे की रात लाठियों को पूजने के बाद अब रातों रात दीवारी खेलकर मौनिये तैयार हो रहे हैं। श्री चित्रकूट धाम में बाबा कामतानाथ के दरवाजे हाजिरी लगाने के बाद फिर यह शहर और गांव की गलियों में अपना उल्लास भरा हुड़दंग बिखेरते खिचड़ी तक दिखेंगे।

कहते हैं कि द्वापर में कालिया के मर्दन के बाद ग्वालों ने श्री कृष्ण का असली रूप देख लिया था। श्री कृष्ण ने उन्हें गीता का ज्ञान भी छुटपन में दे दिया था। गो पालकों को दिया गया ज्ञान वास्तव में गाय की सेवा के साथ शरीर को मजबूत करना था। श्री कृष्ण ने उन्हें समझाया कि इस लोक व उस लोक को तारने वाली गाय माता की सेवा से न केवल दुख दूर होते हैं बल्कि आर्थिक सम्बृद्धि का आधार भी यही है। इसमें गाय को 13 वर्ष तक मौन चराने की परंपरा है। आज भी यादव (अहीर) और पाल (गड़रिया) जाति के लोग गाय को न सिर्फ मौन चराने का काम करते हैं, बल्कि दीवारी भी खूब खेलते हैं।

लोकध्वनि के सचिव डॉ. राम भजन सिंह कहते हैं कि बुंदेली लोकसंगीत का नायाब नमूना है दीवारी नृत्य और गायन। वैसे आज हमारी दीवारी भाषा और रागों की सीमा से परे होकर देश और विदेश में विचरण कर रही है। लेकिन सच्चाई यह है कि भले ही बुंदेली जन राम के उपासक हों पर वास्तव में वैष्णव भक्ति की दूसरी धारा कृष्ण की भक्ति यहां गांव- गांव में बहती है। इसका परिणाम है कि बुंदेलखंड के हर गांव में दीवारी की कम से कम एक टीम जरूर मिल जाती है। वह कहते हैं कि दीवारी के नृत्य में पैरों व कमर में बंधे घुंघरुओं की रुनझुन के साथ लाठियों की लड़ाई में शरीर में लोच, फुर्ती और चतुराई को बढ़ाती है वही इसका गायन चेहरे के ओज की वृद्धि करने वाला है।

सहज किनारा मिलेगा जरूर

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : कैथी गांव के लोगों को राम का नाम लेते शनिवार को 33 दिन बीत गये हैं, लेकिन लोगों को उम्मीद है कि सहज किनारा जरूर मिल जाएगा। सूबे के मुखिया अखिलेश सिंह यादव गांव में जरूर आकर न केवल दस मिनट राम राम करेंगे बल्कि यज्ञवेदी में आहुतियां भी डालकर रामधुन को विश्राम देंगे।

गांव के प्राचीन शिव मंदिर समेत आस-पास राम धुन में मगन ग्रामीणों की चर्चा के स्वर बदल चुके हैं। राममय वातावरण में लोग आत्मविश्वास से लबरेज हैं। दीपावली के दिन से मंदिर के सामने के मैदान में कांसे की कुटिया पर पांच भक्त राम नाम की माला फेरेंगे। साथ ही बगल में हवन वेदिका बनाई जा रही है, जिसमें मुख्यमंत्री हवन करेंगे। तभी इस राम नाम यज्ञ की पूर्णाहुति होगी।

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'भैया, राम धुन से गांव पवित्र हो गया है। यहां लोग आपस में प्रेम करना सीख गए हैं। बड़ों का आदर, छोटो को प्यार और आपसी सहकार की भावना लोगों में पनपी है, वह आनंदित करती है। मैं भी रात में 8 बजे से लेकर 2 बजे तक रामधुन में शामिल होकर सबका उत्साह बढ़ाता हूँ।'

- वासदेव निषाद, ग्राम प्रधान

भटककर आये उड़नखटोले से ग्रामीणों में बढ़ा उत्साह

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : गांव की समस्याओं के निजात दिलाने के लिए राम से विनती कर रहे ग्रामीणों का उत्साह उस समय चरम पर पहुंच गया जब कैथी गांव के ऊपर से उड़ता हुआ एक हेलीकाप्टर निकला। सुखद बात यह रही कि इस हेलीकाप्टर ने कैथी गांव के उस मंदिर के ऊपर भी चक्कर मारा जहां पर रामधुन पिछले 32 दिनों से गायी जा रही है।

आसमान में दूर से आते हेलीकाप्टर को देखकर कैथी ही क्या आसपास के मउहर व अन्य गांवों में उत्साह छा गया। दस मिनट के अंदर ही रामधुन स्थल पर हजारों लोग जमा होकर जय श्री राम के जयकारे लगाने लगे। अचानक बदले माहौल से वहां पर राम धुन गा रहे लोग भी आनंदित हो सठे। फिर क्या था जवाबी जय श्री राम गूंज उठा। ग्रामीणों को लगा कि हेलीकाप्टर में मुख्यमंत्री आए हैं। लगभग आधे घंटे के बाद जब पूरी तस्वीर साफ हुई तो समझ में आया कि यह हेलीकाप्टर कहीं से भटक कर आ गया था।

फिलहाल गांव के उम्मेद सिंह, अरिमर्दन सिंह, विकास शिवहरे आदि ने कहा कि आज भले ही हेलीकाप्टर भटक कर आया है पर राम जी के प्रताप से वह दिन भी दूर नही जब हेलीकाप्टर पर बैठकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गांव में आएंगे और राम राम के चार बोल बोलकर आनंदित करेंगे।

फिलहाल इस घटना के बाद न केवल कैथी के निवासी बल्कि भरुआसुमेरपुर व मौदहा के निवासियों के साथ जिले में इस बात की चर्चा सुनाई दे रही है कि दीपावली के बाद किसी भी दिन मुख्यमंत्री कैथी आ सकते हैं।

समस्याओं को भुला माहौल हुआ राममय

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : कहते हैं कि जहां अनवरत राम का नाम गूंजता है, वहां अशांति समाप्त हो जाती है। भरुआ सुमेरपुर क्षेत्र के कैथी ग्राम में शिव मंदिर आइये, अपने आप अनुभव हो जाएगा कि राम के नाम के उच्चारण करने मात्र से प्रभाव क्या होते हैं।

यहां के शिव मंदिर के ओसारे पर बैठकर भक्तों को राम के नाम को गाते गुरुवार को 31 दिन पूरे हो गए, लेकिन 'राम काज कीन्हे बिनु, मोहि कहां विश्राम..' की तर्ज पर गांव के लोग राम का नाम लेने में जुटे हुए हैं। आश्चर्यजनक बात यह है कि पिछले इकतीस दिनों से गांव में किसी से किसी की तू तू मै मैं भी नही हुई। इतना ही नही गांव में बनी अस्थाई चौकी के सिपाही भी दिन में कई बार मंदिर में बैठकर राम नाम संकीर्तन कर रहे हैं।

गांव के महेन्द्र सिंह, बालेन्द्र सिंह, शिव विशाल सिंह, पहलवान सिंह कहते हैं कि राम के नाम के आसरे इतने दिन लड़ाई लड़ी है। आजादी के बाद मूलभूत सुविधाओं को पाने की जद्दोजहद में अधिकारियों और नेताओं के इतने ज्यादा चक्कर लगाए कि हम लोग खुद ही घनचक्कर बन गए। कितना पैसा और समय बर्बाद हुआ इसकी कोई गिनती नही। अब क्या किया जाता। जब कोई सुनने वाला नहीं और गाल बजाने को सब तैयार हैं तो फिर दाता से ही मांग करनी उचित समझी गई। गांव में शिव मंदिर में राम का नाम लेने बैठ गए और आज इकतीस दिन हो गए हैं। मुख्यमंत्री के आए बिना यह राम नाम यज्ञ बंद नही होगा।

वैसे अभी तक के बिजली के काम को देखकर लग रहा है कि जल्द ही गांव के अंदर बिजली का करंट दौड़ेगा। नदी के दूसरे पाट तक खंभे गड़ने के साथ ही बिजली की तार दौड़ गई है। साथ ही गांव में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने भी काम जारी रखा।