Wednesday, February 5, 2020

राम मंदिर का रास्ता साफ हुआ, ट्रस्ट बनाकर निर्माण की योजना सौंपने की तैयारी में सरकार

 शंकराचार्यों को मिली जगह, रामानंदाचार्यों से किनारा
 अखाड़ों के महंत व केंद्र व राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी होंगे ट्रस्ट के कर्ताधर्ता  

संदीप रिछारिया 

सौगंध राम की खाते हैं, मंदिर वहीं बनाएंगे और अब इस नारे के पूरा होने का समय नजदीक भी आ गया है। तमाम संतों की राय सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने भी राम मंदिर निर्माण की शुरूआत के लिए रामनवती की तिथि तय करने का मंसूबा बना लिया है।
केंद्र सरकार ने अदालत द्वारा दी गई तारीख के चार दिन पहले बुधवार को ही राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट का गठन कर दिया। सुप्रीम को कोर्ट ने 9 नवंबर को अपने आदेश में तीन महीने में ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया था। अब यही ट्रस्ट राम का निर्माण करेगा। ट्रस्ट का पंजीकरण दिल्ली में होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले किए गए। सरकार ने राम मंदिर निर्माण के लिए अहम फैसले के बड़ी योजना बनाई है। सरकार ने राम जन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट गठन का प्रस्ताव किया है। यह ट्रस्ट अयोध्या में राम जन्म भूमि पर मंदिर निर्माण के लिए उत्तरदायी होगा। कहा कि पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने के लिए उप्र सरकार ने अनुरोध किया है, जिसे प्रदेश सरकार ने मान लिया है।
67 एकड जमीन में बनेंगा भव्य राम मंदिर 
एक्ट के तहत अधिग्रहित की गई 67 एकड भूमि पर राम मंदिर का निर्माण होगा। इसकी कार्ययोजना पूरी तरह से बना ली गई है। योगी कैबिनेट पांच एकड़ जमीन के आवंटन का पत्र भी बोर्ड को देगी। संभावना जताई जा रही हेै कि अयोध्या के पास लखनउ हाइवे पर रौनाही के धन्नीपुर में चिहिंन्त 5 एकड भूमि वक्फ बोर्ड को दी जाए।
चार शंकराचार्य ट्रस्ट में शामिल, निर्माेही अखाड़े को भी मिला सम्मान 
उच्च पदस्त सूत्रों के मुताबिक आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चारो पीठों के शंकराचार्यों को ट्रस्ट में स्थान दिया गया है। इसके साथ ही अयोध्या के महंत नृत्य गोपाल दास, दिगंबर अनी अखाड़े के महंत सुरेश दास, निर्माेही अखाड़े के महंत दीनेंद्र दास, गोरक्षपीठ गोरखपुर के प्रतिनिधि, कर्नाटक के उडूपी पेजावर पीठ के प्रतिनिधि, विहिप से ओम प्रकाश सिंहल, उपाध्यक्ष चंपक राय, विहिप के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष व अयोध्या आंदोलन के जनक स्व0 अशोक सिंहल के भतीजे सलिल डालमिया, दिवंगत विष्णु हरि डालमिया के परिवार से पुनीत डालमिया, एक दलित प्रतिनिधि व एक महिला प्रतिनिधि शामिल होंगी। केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी, प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के रूप में अयोध्या के डीएम को शामिल किया जा सकता है।


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