हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : कल तक कौतूहल था पर आज उनके लिए सबसे बड़ा खेल का मैदान गांव का शिव मंदिर हो चला है। बाबा, पिता और माता जी को मंदिर में कातर स्वर में रामधुन का उद्घोष करते देख छोटे छोटे बच्चों के अंदर भी उत्साह अपने आप उमड़ पड़ता है और फिर खेलने के समय को वह राम राम करने में बिता रहे हैं।
बताते चलें कि जिले के भरुआ सुमेरपुर के कैथी गांव में बिजली-सड़कें न होने, पेयजल संकट व अन्य समस्याओं पर अब तक नेता व अधिकारी नहीं चेते हैं, जिससे यहां जन समस्याएं बरकरार हैं। इससे आजिज लोगों ने मंगलवार को यहां के प्राचीन शिव मंदिर में राम नाम का जाप शुरू कर दिया है। इन्होंनें ने 50-50 लोगों के समूह बना रखे हैं। इसके चलते बारी-बारी से लोग राम नाम का जाप करते रहते हैं, जिससे तीन दिन से राम धुन अखंड रूप में गूंज रही है। गुरुवार को यहां तीसरा दिन था। लोगों की मांग है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यहां आकर उनके साथ राम धुन गुनगुनायें। हालांकि इस भक्ति आंदोलन में अब तक कोई खास या वीआईपी शख्स नहीं आया है।
बच्चों की तोतली भाषा और उनकी तालियों की गड़गड़ाहट जब माइक पर गूंजती हैं तो उनकी माएं व दादियां बलाएं लेने के लिए चल देती हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि गांव के विकास के इस यज्ञ का हमराही कोई एक व्यक्ति नही है। बल्कि साथी हाथ बढ़ाना की तर्ज पर सभी लोग जुट रहे हैं।
गांव के बुजुर्गो ने अपना समय भोर के साथ ही दोपहर व देर शाम का तय कर रखा है तो महिलाएं दोपहर को चूल्हा चौका से निजात पाकर भगवान का नाम लेने चली आती हैं। रात को गांव के नौजवानों की पूरी टीम राम का नाम लेती है साथ ही शाम का समय गांव की किशोरियों और छोटे बच्चों के हवाले रहता है।
बदल रहा है गांव का माहौल
गांव के अरिमर्दन सिंह बताते हैं कि अब उनके गांव का माहौल बदलता दिखाई दे रहा है। इसे ईश भक्ति का चमत्कार कहें या फिर कुछ और जो कल तक बेगानों जैसा व्यवहार कर रहे थे वह भी आज आकर रामधुन करते दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तो गंगा का डेरा, राम शरण का डेरा, रघुराज का डेरा व अन्य डेरों से लोग रामधुन करने आ रहे हैं। बल्कि आस पास के गांवों से लोग भी आकर उनकी इस मुहिम का साथ देकर हौसला बढ़ा रहे हैं। कहा कि यहां तक कि गांव में आने वाले रिश्तेदार भी इस यज्ञ में अपनी आहुतियां डालकर अपने आप को कृतार्थ कर रहे हैं।
बच्चों में है भारी उत्साह
रामू, कल्लू, सोनू, राम नरेश, गुड़िया, रानी आदि ने बताया कि भगवान का नाम लेने में अच्छा लगता है। अगर गांव में बिजली जली तो और भी ज्यादा खुशी मिलेगी। बिजली के आने से हम लोग पढ़ाई तो कम से कम कर सकेंगे। कहा कि अभी गांव से शहर में मेला देखने जाने के लिए पैदल ही जाना पड़ता है। पुल पर सड़क बन जाने के बाद कम से कम पैदल तो नही जाना पड़ेगा।
बदलती बयार लाएगी क्रांति
गांव की कमला कुशवाहा, रानी यादव, वंदना, मुलिया, माया शिवहरे आदि इस बदली फिजा से काफी प्रसन्न हैं। उन्होंने कहा कि लगातार तीन दिनों से गांव में रामधुन गूंज रही है। राम के नाम में बड़ी शक्ति है। इससे गांव का विकास तो होगा ही साथ ही अगर गांव में अखिलेश भैया आए तो हम सब लोग कृतार्थ हो जाएंगे।
बताते चलें कि जिले के भरुआ सुमेरपुर के कैथी गांव में बिजली-सड़कें न होने, पेयजल संकट व अन्य समस्याओं पर अब तक नेता व अधिकारी नहीं चेते हैं, जिससे यहां जन समस्याएं बरकरार हैं। इससे आजिज लोगों ने मंगलवार को यहां के प्राचीन शिव मंदिर में राम नाम का जाप शुरू कर दिया है। इन्होंनें ने 50-50 लोगों के समूह बना रखे हैं। इसके चलते बारी-बारी से लोग राम नाम का जाप करते रहते हैं, जिससे तीन दिन से राम धुन अखंड रूप में गूंज रही है। गुरुवार को यहां तीसरा दिन था। लोगों की मांग है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यहां आकर उनके साथ राम धुन गुनगुनायें। हालांकि इस भक्ति आंदोलन में अब तक कोई खास या वीआईपी शख्स नहीं आया है।
बच्चों की तोतली भाषा और उनकी तालियों की गड़गड़ाहट जब माइक पर गूंजती हैं तो उनकी माएं व दादियां बलाएं लेने के लिए चल देती हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि गांव के विकास के इस यज्ञ का हमराही कोई एक व्यक्ति नही है। बल्कि साथी हाथ बढ़ाना की तर्ज पर सभी लोग जुट रहे हैं।
गांव के बुजुर्गो ने अपना समय भोर के साथ ही दोपहर व देर शाम का तय कर रखा है तो महिलाएं दोपहर को चूल्हा चौका से निजात पाकर भगवान का नाम लेने चली आती हैं। रात को गांव के नौजवानों की पूरी टीम राम का नाम लेती है साथ ही शाम का समय गांव की किशोरियों और छोटे बच्चों के हवाले रहता है।
बदल रहा है गांव का माहौल
गांव के अरिमर्दन सिंह बताते हैं कि अब उनके गांव का माहौल बदलता दिखाई दे रहा है। इसे ईश भक्ति का चमत्कार कहें या फिर कुछ और जो कल तक बेगानों जैसा व्यवहार कर रहे थे वह भी आज आकर रामधुन करते दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तो गंगा का डेरा, राम शरण का डेरा, रघुराज का डेरा व अन्य डेरों से लोग रामधुन करने आ रहे हैं। बल्कि आस पास के गांवों से लोग भी आकर उनकी इस मुहिम का साथ देकर हौसला बढ़ा रहे हैं। कहा कि यहां तक कि गांव में आने वाले रिश्तेदार भी इस यज्ञ में अपनी आहुतियां डालकर अपने आप को कृतार्थ कर रहे हैं।
बच्चों में है भारी उत्साह
रामू, कल्लू, सोनू, राम नरेश, गुड़िया, रानी आदि ने बताया कि भगवान का नाम लेने में अच्छा लगता है। अगर गांव में बिजली जली तो और भी ज्यादा खुशी मिलेगी। बिजली के आने से हम लोग पढ़ाई तो कम से कम कर सकेंगे। कहा कि अभी गांव से शहर में मेला देखने जाने के लिए पैदल ही जाना पड़ता है। पुल पर सड़क बन जाने के बाद कम से कम पैदल तो नही जाना पड़ेगा।
बदलती बयार लाएगी क्रांति
गांव की कमला कुशवाहा, रानी यादव, वंदना, मुलिया, माया शिवहरे आदि इस बदली फिजा से काफी प्रसन्न हैं। उन्होंने कहा कि लगातार तीन दिनों से गांव में रामधुन गूंज रही है। राम के नाम में बड़ी शक्ति है। इससे गांव का विकास तो होगा ही साथ ही अगर गांव में अखिलेश भैया आए तो हम सब लोग कृतार्थ हो जाएंगे।
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