हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : राम के नाम का प्रभाव केवल कैथी ही नहीं, अपितु आस-पास के क्षेत्र में भी दिख रहा है। पिछले महीने जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों को ज्ञापन देकर सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार करने वाले गांव कैथी के लोगों ने केवल तीन दिन में ही शत प्रतिशत बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक पिला डाली। राम के प्रभाव में आए इस गांव के लोग अब न केवल सरकार की चलाई जाने वाली योजनाओं के प्रति जागरुक दिखाई देते हैं बल्कि अब नए नियम और कानूनों के प्रति भी जानकारी कर रहे हैं।
मंगलवार को 29वें दिन भी कैथी गांव के प्राचीन शिव मंदिर पर राम के नाम का उच्चारण जारी रहा। महिला-पुरुष और हिंदू-मुस्लिम सभी 'श्री राम जय राम जय जय राम' का संगीतमय उच्चारण करने के काम में लगे दिखाई दे रहे थे। मुख्यमंत्री के आगमन के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुके कैथी गांव में लोग इस समय इतने प्रसन्न दिखाई देते हैं कि वह अब अपनी दिक्कतों के बारे में बात नही करते। कहते हैं कि भइया राम जी की कृपा से तो सब काम हो रहे हैं। जब हमने अपनी पूरी चिंताएं राम जी को सौंप दी हैं तो फिर हमें किस बात की चिंता।
गांव के सतीश चंद्र शिवहरे, लाल जी पाल, राम भवन, राम बिलास सिंह, अशोक खरे, शरीफ खान, शकीर खान, जसवंत सिंह आदि कहते हैं कि अब तो गांव में एएनएम आ गई हैं। गांव की महिलाएं दिन भर उनके पास जाकर अपनी समस्याओं के बारे में बातें करती हैं। वह उन्हें दवाएं देती हैं। इसके साथ ही गांव की आशा और आंगनबाड़ी भी बच्चों को न केवल पल्स पोलियो पिलाने में बल्कि अन्य टीका लगवाने में मदद करती हैं। उन्होंने कहा कि जहां कभी जानवर बंधा करते थे अब वहां पर रंगाई-पुताई के बाद दवाएं मिल रही हैं। इससे ज्यादा बढ़कर खुशी की हमारे लिए दूसरी क्या बात हो सकती है।
मंगलवार को 29वें दिन भी कैथी गांव के प्राचीन शिव मंदिर पर राम के नाम का उच्चारण जारी रहा। महिला-पुरुष और हिंदू-मुस्लिम सभी 'श्री राम जय राम जय जय राम' का संगीतमय उच्चारण करने के काम में लगे दिखाई दे रहे थे। मुख्यमंत्री के आगमन के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुके कैथी गांव में लोग इस समय इतने प्रसन्न दिखाई देते हैं कि वह अब अपनी दिक्कतों के बारे में बात नही करते। कहते हैं कि भइया राम जी की कृपा से तो सब काम हो रहे हैं। जब हमने अपनी पूरी चिंताएं राम जी को सौंप दी हैं तो फिर हमें किस बात की चिंता।
गांव के सतीश चंद्र शिवहरे, लाल जी पाल, राम भवन, राम बिलास सिंह, अशोक खरे, शरीफ खान, शकीर खान, जसवंत सिंह आदि कहते हैं कि अब तो गांव में एएनएम आ गई हैं। गांव की महिलाएं दिन भर उनके पास जाकर अपनी समस्याओं के बारे में बातें करती हैं। वह उन्हें दवाएं देती हैं। इसके साथ ही गांव की आशा और आंगनबाड़ी भी बच्चों को न केवल पल्स पोलियो पिलाने में बल्कि अन्य टीका लगवाने में मदद करती हैं। उन्होंने कहा कि जहां कभी जानवर बंधा करते थे अब वहां पर रंगाई-पुताई के बाद दवाएं मिल रही हैं। इससे ज्यादा बढ़कर खुशी की हमारे लिए दूसरी क्या बात हो सकती है।
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