Thursday, April 4, 2013

राम नामी के दौरान गांव में आया विद्युत ट्रांसफार्मर

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : भरुआ सुमेरपुर ब्लाक के कैथी गांव में सोमवार का दिन खुशियों भरा रहा। गांव में पूर्व में बिजली के तार दौड़ने के बाद इस दिन ट्रांसफार्मर भी पहुंच गया। वहीं गांव के प्राचीन शिव मंदिर में लगातार 56वें दिन भी श्री राम नाम संकीर्तन जारी रहा।

हालांकि प्रधान पति वासुदेव निषाद ने यहां लाये गये ट्रांसफार्मर को खंभों पर रखवाने का पहले जूनियर इंजीनियर से विरोध किया और कहा कि गांव में एक ट्रांसफार्मर से काम नहीं चलेगा, यहां दो ट्रांसफार्मरों की जरूरत है। जूनियर इंजीनियर के बताने पर एक्सईएन ने मामला अपर जिलाधिकारी को बताया। एडीएम ने प्रधानपति से बात कर कहा कि गांव में कनेक्शनों की संख्या के हिसाब से ट्रांसफार्मर दिया जा रहा है। ट्रांसफार्मर रखने के बाद गांव में कैंप लगाकर बिजली का कनेक्शन चाहने वालों की संख्या जांचने के बाद जितने ट्रांसफार्मर की आवश्यकता होगी लगवा दिए जाएंगे। इधर, श्री राम नाम संकीर्तन में गडरिया गांव के शिव राज सिंह अपने दल-बल के साथ पहुंचे और उन्होंने लगभग तीन घंटों तक संकीर्तन में भाग लिया।

अन्य गांवों के लोग बढ़ा रहे उत्साह

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : भले ही क्षेत्रीय जन समस्याओं को लेकर राम नामी आंदोलन चला रहे कैथी वासियों की राम जप पर कोई खास काम नहीं हुआ और सत्ता में बैठे लोगों पर भी इसका असर नहीं पड़ रहा, पर लोगों के उत्साह में कमी नहीं दिख रही। उनकी आवाज़ों के दम से आसपास के गांवों से भारी संख्या में लोग प्रतिदिन उत्साह बढ़ाने पहुंच रहे हैं।

भरुआ सुमेरपुर क्षेत्र के कैथी गांव के प्राचीन शिव मंदिर में रविवार को लगातार 55वें दिन राम धुन जारी रही। इस दिन गडरिया और गढ़ा गांवों से कई लोगों ने पहुंचकर न केवल रामधुन कर रहे लोगों का उत्साह बढ़ाया बल्कि खुद भी पांच से छह घंटे श्री राम नाम संकीर्तन महायज्ञ में अपनी आहुतियां डालीं। गांव के बुजुर्ग उम्मेद सिंह कहते हैं कि बाहर से आए लोगों का उत्साह देखकर आंखे छलक जाती हैं। बाहर से आने वाला हर व्यक्ति भोला के घर भी जाकर सांत्वना देता है। इससे भोला का परिवार गर्व से भर उठता है और यह हमारे गांव के लिए भी गौरव की बात है। सभी समुदायों के लोग दिन और रात में रामधुन में अपना सहयोग दर्ज करा रहे हैं।

राम धुन से विस्तारित हो रही है आंतरिक चेतना

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : न दंगा न फसाद और न ही मरने की धमकी, हम तो जिसके वंशज हैं उसके सामने अपनी समस्याओं का रोना रोते हैं। कुछ इस तरह के अंदाज लिए पिछले तिरपन दिनों से भगवान शिव के पुराने मंदिर पर उनके आराध्य देव विष्णु अवतार भगवान राम का नाम सुनाते समस्याओं के निदान की गुहार लगाने के साथ ही मुख्यमंत्री के गांव में दर्शन करने की आस से बैठे कैथी के ग्रामीण अब इस बात से बेपरवाह हैं कि कल क्या होगा बस वह तो इसी में मगन हैं कि कैथी एक ऐसा गांव बन चुका है जहां पर अब बिना निमंत्रण दिए लोग आ रह हैं और गांव में बैठकर राम राम कर रहे हैं।

भरुआ सुमेरपुर क्षेत्र के गांव कैथी के प्राचीन शिव मंदिर में राम धुन शुक्रवार को लगातार 53वें दिन भी जारी रही। इस दिन शाम को 4 बजे गांव में किसवाही गांव के पूर्व प्रधान प्रकाश सिंह अपने साथियों के साथ पहुंचे। लगभग दो घंटो तक राम धुन में भाग लेने के बाद कहा कि वास्तव में यह अनोखे किस्म का आंदोलन है। इस तरह के आंदोलन तो हर एक गांव में होने चाहिए। इस तरह से आंदोलन से न केवल आंतरिक चेतना विस्तारित होती है बल्कि प्रभु का नाम लेने से वातावरण भी शुद्ध होता है। गांव के उम्मेद सिंह, अरिमर्दन सिंह, विकास शिवहरे, सुदामा सिंह, महेन्द्र सिंह, बालेन्द्र सिंह आदि ने बताया कि प्रतिदिन दूसरे गांवों से लोग आते हैं व रामधुन में भाग लेते हैं। वह अपनी तरफ से रामधुन में सहयोग करने के लिए पेशकश भी करते हैं। तो उनसे कहा जाता है कि गांव की समस्त जातियों ने रात की जिम्मेदारी ले रखी है। वह जब भी चाहें आएं और राम नाम जप महायज्ञ में अपना सहभाग दर्ज करा सकते हैं।

भोला की तेरहवीं आज, दिन भर हुई तैयारी

हर आंख में आंसू हैं, पर काम करने में तेजी। कुछ ऐसा नजारा भोला के घर के आसपास दिखाई दिया। रामधुन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति ने भोला के परिवार की गरीबी को देखते हुए न केवल आर्थिक मदद दी बल्कि अनाज व अन्य समान भी उपलब्ध कराया। भोला की तेरहवीं शनिवार को होगी।

बहरी सरकार को सुनाने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है राम धुन'

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : 'अगर देश में कैथी जैसे सभी गांव हो जाएं तो फिर देश को सम्पन्नता के शिखर के साथ ही विश्व की सबसे बड़ी महाशक्ति बनने से कोई रोक नहीं सकता।' यह बातें भाजपा किसान मोर्चो के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश सिंह ने गुरुवार को भरुआ सुमेरपुर ब्लाक के कैथी गांव में श्री राम नाम संकीर्तन महायज्ञ अपना सहभाग दर्ज कराने के बाद कही।

गांव के प्राचीन शिव मंदिर में बृहस्पतिवार को लगातार 52वें दिन भी हर्ष व उल्लास के साथ राम धुन जारी रही। यहां लगभग दो घंटे राम धुन करने के बाद भाजपा नेता राजेश सिंह ने कहा कि बहरी सरकार को अपनी समस्याएं सुनाने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम राम धुन कैथी के ग्रामीणों ने चुना है। आज के दौरान में जब छोटी छोटी बातों पर लोग सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, वहीं इस गांव के लोगों ने भगवान के नाम के सहारे सरकार के मुखिया को संवेदित करने के लिए अचूक मंत्र राम का नाम इस्तेमाल किया है। इसलिए इस गांव के लोग वंदनीय हैं। आज के दौरान में भले ही लोग राम नाम के जप की महिमा को भली भांति न समझते हों पर इतना साफ है कि आने वाले दिनों में दुनिया इसका प्रभाव कैथी के माध्यम से देखेगी। सोया हुआ प्रशासन और शासन एक बार जाएगा और फिर कैथी में चमन बरसेगा।

राम धुन करने के पश्चात वे श्री राम नाम महायज्ञ के योद्धा भोला के घर भी गए। परिजनों से मिलकर उनका दुख बटाने का प्रयास किया और फिर आर्थिक मदद भी दी। उन्होंने कहा कि जल्द ही पूर्व मुख्यमंत्री और चरखारी से विधायक साध्वी उमा भारती का दौरा महोबा जिले में होने वाला है। वह प्रयास करेंगे कि दीदी यहां पर भी आकर रामधुन में भाग लें। गांव के उम्मेद सिंह, विकास शिवहरे, रानी यादव, प्रधानपति वासुदेव निषाद आदि ने कहा कि इस तरह से गांव में जननेताओं का आना उनके उत्साह की वृद्धि करता है। मुख्यमंत्री कब आएंगे यह तो तय नही हैं पर इतना साफ है कि एक न एक दिन उन्हें गांव आकर राम धुन में भाग लेना ही पड़ेगा। रामधुन करते हुए शहीद हो गए भोला की कल तेरहवीं हैं और उसकी याद को अनेकों वर्षो तक संजोने के लिए भी प्लान बनाया जा रहा है। जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी।

अफसरों को न झकझोर पाये, न राम नाम न भोला के प्राण

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : कैथी गांव में भोला की मौत भी कमोवेश किसी को झकझोर नहीं सकी है। राम नाम से गांव में भले ही सद्भावना जागी हो, लेकिन वीआईपी व नौकरशाहों को शायद कोई फर्क नहीं पड़ा। भोला की मौत के प्रकरण की जांच करने तो कोई अब तक कैथी गांव पहुंचा नहीं, गुरुवार को मुख्यालय आयी भोला की विकलांग पत्नी का विकलांग प्रमाण पत्र बनाने में भी सीएमओ ने कायदे-कानून गिना दिये। उन्हें यह भी नहीं लगा कि उसे दुबारा आने में कितनी तकलीफ होगी।

भरुआ सुमेरपुर के कैथी गांव में राम धुन करते भोला की हालत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। उसे दु:ख था कि अभी तक मुख्यमंत्री गांव नहीं आए। गुरुवार को भोला की विकलांग पत्नी मुन्नी देवी को लेकर उनका देवर लालमन मुख्यालय आया। जैसे ही जिलाधिकारी को देखा दौड़ पड़ा, पूरी स्थिति बताई। जिलाधिकारी ने महिला की हालत देखकर उसे तुरंत मुख्य चिकित्साधिकारी के पास विकलांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए भेजा। पर वहां उसे घोर निराशा हुई, जब साहब ने साहबी दिखा दी और कहा कि अभी कोई डॉक्टर नही चार दिन बाद आना और फिर जांच कर प्रणाम पत्र बनाया जाएगा।

चलने-फिरने से लाचार मुन्नी को फिर से चंद्रावल नदी पार कर लगभग 50 किलोमीटर जिला मुख्यालय अपना विकलांग सर्टीफिकेट बनवाने आना पड़ेगा। मुन्नी देवी का सहयोग कर रहे कांग्रेसी नेता युगराज सिंह ने कहा कि जिलाधिकारी ने तो मिलते ही उसकी हालत देखकर सीएमओ के पास भेज दिया। लेकिन उन्होंने टरकाने वाले अंदाज में बात कर पीड़ित को वापस कर दिया। उधर, 'दैनिक जागरण' कार्यालय में आकर भोला दर्जी के भाई लालमन ने बताया कि सोमवार को उसके भाई की मृत्यु हुई थी। लेकिन आज तक भाई की मृत्यु के बाद कोई सरकारी अधिकारी जांच करने घर नही पहुंचा। कहा कि गांव में एक व्यक्ति के फोन पर नायब तहसीलदार का फोन आया था और उन्होंने उससे भाई की मौत की जानकारी ली है।

यहां बेटियों के नसीब में केवल चूल्हे का धुआ


आजादी के 6 दशक बीत गए, लेकिन जिले का एक गांव ऐसा भी है, जहां पर छह हजार की आबादी होने के बाद भी शिक्षा विभाग ने इंटर कॉलेज की बात छोड़िए, हाई सकूल भी खोलने की सोची नही है। लिहाजा बेटियां कक्षा आठ के बाद घर बैठने को मजबूर हैं। इन्हीं कारणों के चलते यहां पर बेटियां उच्च प्राथमिक शिक्षा से आगे नहीं बढ़ पा रही हैं, जिससे कन्या विद्या धन व लैपटॉप योजना जैसी सुविधाओं से वंचित हो रही है।

सुमेरपुर विकासखंड का कैथी गांव जिसकी आबादी 6 हजार से ऊपर है। लेकिन यहां पर मात्र एक उच्च प्राथमिक स्कूल शिक्षा विभाग के बड़े-बड़े दावों की पोल खोल रहा है। सैकड़ों की संख्या में छात्राएं प्राथमिक शिक्षा के बाद चूल्हे चौके तक ही सिमट कर रह जाती हैं। उनकी आगे पढ़ने की ललक दब की दबी रह जाती है। क्योंकि बीहड़ क्षेत्र होने के कारण अभिभावक उन्हें बाहर शिक्षा के लिए भेजने से कतराते हैं। ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों व नेताओं ने गुहार लगाई, मगर उन्हें हमेशा निराशा ही हाथ लगी।

आठवीं के बाद न पढ़ पायी

गांव की लड़कियों में पढ़ाई की ललक तो बढ़-चढ़कर है, लेकिन यहां आस-पास भी हाईस्कूल न होने के चलते आठवीं कक्षा के बाद अनेक लड़कियों को आगे पढ़ने की अपनी इच्छा दबानी पड़ी। पूजा ने बताया कि कक्षा आठ के बाद उसने आगे की शिक्षा नहीं ली, क्योंकि गांव से स्कूल दूर था। वहीं मां सावित्री का कहना था कि रास्ते में लड़की के साथ कोई घटना न हो जाए। कल्पना ने बताया कि अकेले घर वाले 15 किलो मीटर दूर जाने नहीं देते है। इस कारण पढ़ाई छोड़नी पड़ी।

ममता वर्मा व अनीता शर्मा ने कहा कि 2008 में कक्षा आठ पास की थी। इसके बाद छह माह सुमेरपुर स्थित सरकारी स्कूल भी गई लेकिन बाकी लड़कियों के ना जाने के वजह से अकेले होने के चलते उसे भी पढ़ाई छोड़नी पड़ी।

सुनीता का कहना था कि गांव में स्कूल नहीं है। रास्ता सुनसान होने के कारण अकेले जाने में डर लगता है। उसका पढ़ाने का बहुत मन था, लेकिन उसे अपनी यह तमन्ना मन में कचोट के रह गई। शशि व राजेश्वरी ने बताया कि विकास न होने का खामियाजा हमें अपनी पढ़ाई को छोड़कर चुकाना पड़ा है। अगर सरकार यहां पर पांच के आगे विद्यालय का निमार्ण कर दे तो हमें भी पढ़ाने का मौका मिल जायेगा। शिल्पी तिवारी ने बताया कि 2009 में आठवीं पास करने के बाद उन्हें पढ़ाने के लिए नहीं जाने दिया गया।

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''अगले शिक्षा सत्र में कैथी गांव को प्राथमिकता पर लेंगे और वहां हाईस्कूल खुलवाने का प्रयास करेंगे।''

- योगराज सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक, हमीरपुर

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राम-राम करते लोगों को नेता बंधा रहे ढांढस

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : राम का नाम लेकर जाते ही भोला का नाम अमर हो गया। जिस गांव कैथी में चुनाव में वोट मांगने के अलावा जनसेवक न जाते रहे हों वहां पर रात भर रूकने के बाद कांग्रेस का नेता सुबह वापस जाता है तो शाम होने के पहले ही भाजपा का कद्दावर नेता आ जाता है। गांव वाले नेताओं के आगमन को शुभ लक्षण मानकर राम राम करने में डटे हुए हैं।

भरुआ सुमेरपुर ब्लाक के कैथी गांव के प्राचीन शिव मंदिर में चल रही राम धुन बुधवार को 44वें दिन भी जारी रही। मंगलवार शाम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता युगराज भदौरिया पहुंचे थे। उन्होंने न केवल रात गांव में गुजारी बल्कि कई घंटों तक राम का नाम भी उच्चारित किया। सुबह गांव के लोगों की प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री से बात भी कराई। श्री खत्री ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस के विधायक कैथी गांव के मुद्दे को सदन में उठाएंगे। इसके साथ ही जल्द ही दौरा करने के लिए कांग्रेस के बड़े नेता भी गांव में आ सकते हैं। श्री भदौरिया ने कहा कि भोला की पत्‍‌नी विकलांग है। बेटी विवाह योग्य है और बेटे बिना पढ़े लिखे हैं। वह अपने पास से बेटों के लिए सिलाई मशीन दे रहे हैं जिससे वह सिलाई का काम कर पेट भरने का जुगाड़ कर सकें। पत्‍‌नी को सहायता दिलाए जाने के लिए जिलाधिकारी से मिलकर बात करने का आश्वासन दिया।

इधर, शाम को भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज गुप्ता व वरिष्ठ भाजपा नेता प्रीतम सिंह किसान गांव पहुंचे। राम नाम संकीर्तन महायज्ञ में शामिल होकर अपनी आवाज जोड़ने के बाद प्रशासन की कार्यप्रणाली की भ‌र्त्सना करते हुए कहा कि चौवालीस दिन से यहां पर लोग अपनी मूलभूत मांगों को लेकर भगवान का नाम ले रहे हैं। लेकिन कोई सुनने या देखने वाला नहीं हैं। राम राम करते मरने वाले भोला को शहीद का दर्जा देते हुए कहा कि जल्द ही भाजपा कैथी गांव के मुद्दे को ऊपर तक ले जाएगी। आगामी विधानसभा सत्र में भाजपा के विधायक इस मुद्दे को सदन में उठाएंगे।