राम धुन से विस्तारित हो रही है आंतरिक चेतना
हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : न दंगा न फसाद और न ही मरने की धमकी, हम तो जिसके वंशज हैं उसके सामने अपनी समस्याओं का रोना रोते हैं। कुछ इस तरह के अंदाज लिए पिछले तिरपन दिनों से भगवान शिव के पुराने मंदिर पर उनके आराध्य देव विष्णु अवतार भगवान राम का नाम सुनाते समस्याओं के निदान की गुहार लगाने के साथ ही मुख्यमंत्री के गांव में दर्शन करने की आस से बैठे कैथी के ग्रामीण अब इस बात से बेपरवाह हैं कि कल क्या होगा बस वह तो इसी में मगन हैं कि कैथी एक ऐसा गांव बन चुका है जहां पर अब बिना निमंत्रण दिए लोग आ रह हैं और गांव में बैठकर राम राम कर रहे हैं।
भरुआ सुमेरपुर क्षेत्र के गांव कैथी के प्राचीन शिव मंदिर में राम धुन शुक्रवार को लगातार 53वें दिन भी जारी रही। इस दिन शाम को 4 बजे गांव में किसवाही गांव के पूर्व प्रधान प्रकाश सिंह अपने साथियों के साथ पहुंचे। लगभग दो घंटो तक राम धुन में भाग लेने के बाद कहा कि वास्तव में यह अनोखे किस्म का आंदोलन है। इस तरह के आंदोलन तो हर एक गांव में होने चाहिए। इस तरह से आंदोलन से न केवल आंतरिक चेतना विस्तारित होती है बल्कि प्रभु का नाम लेने से वातावरण भी शुद्ध होता है। गांव के उम्मेद सिंह, अरिमर्दन सिंह, विकास शिवहरे, सुदामा सिंह, महेन्द्र सिंह, बालेन्द्र सिंह आदि ने बताया कि प्रतिदिन दूसरे गांवों से लोग आते हैं व रामधुन में भाग लेते हैं। वह अपनी तरफ से रामधुन में सहयोग करने के लिए पेशकश भी करते हैं। तो उनसे कहा जाता है कि गांव की समस्त जातियों ने रात की जिम्मेदारी ले रखी है। वह जब भी चाहें आएं और राम नाम जप महायज्ञ में अपना सहभाग दर्ज करा सकते हैं।
भोला की तेरहवीं आज, दिन भर हुई तैयारी
हर आंख में आंसू हैं, पर काम करने में तेजी। कुछ ऐसा नजारा भोला के घर के आसपास दिखाई दिया। रामधुन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति ने भोला के परिवार की गरीबी को देखते हुए न केवल आर्थिक मदद दी बल्कि अनाज व अन्य समान भी उपलब्ध कराया। भोला की तेरहवीं शनिवार को होगी।
भरुआ सुमेरपुर क्षेत्र के गांव कैथी के प्राचीन शिव मंदिर में राम धुन शुक्रवार को लगातार 53वें दिन भी जारी रही। इस दिन शाम को 4 बजे गांव में किसवाही गांव के पूर्व प्रधान प्रकाश सिंह अपने साथियों के साथ पहुंचे। लगभग दो घंटो तक राम धुन में भाग लेने के बाद कहा कि वास्तव में यह अनोखे किस्म का आंदोलन है। इस तरह के आंदोलन तो हर एक गांव में होने चाहिए। इस तरह से आंदोलन से न केवल आंतरिक चेतना विस्तारित होती है बल्कि प्रभु का नाम लेने से वातावरण भी शुद्ध होता है। गांव के उम्मेद सिंह, अरिमर्दन सिंह, विकास शिवहरे, सुदामा सिंह, महेन्द्र सिंह, बालेन्द्र सिंह आदि ने बताया कि प्रतिदिन दूसरे गांवों से लोग आते हैं व रामधुन में भाग लेते हैं। वह अपनी तरफ से रामधुन में सहयोग करने के लिए पेशकश भी करते हैं। तो उनसे कहा जाता है कि गांव की समस्त जातियों ने रात की जिम्मेदारी ले रखी है। वह जब भी चाहें आएं और राम नाम जप महायज्ञ में अपना सहभाग दर्ज करा सकते हैं।
भोला की तेरहवीं आज, दिन भर हुई तैयारी
हर आंख में आंसू हैं, पर काम करने में तेजी। कुछ ऐसा नजारा भोला के घर के आसपास दिखाई दिया। रामधुन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति ने भोला के परिवार की गरीबी को देखते हुए न केवल आर्थिक मदद दी बल्कि अनाज व अन्य समान भी उपलब्ध कराया। भोला की तेरहवीं शनिवार को होगी।

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