Thursday, April 4, 2013

अफसरों को न झकझोर पाये, न राम नाम न भोला के प्राण

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : कैथी गांव में भोला की मौत भी कमोवेश किसी को झकझोर नहीं सकी है। राम नाम से गांव में भले ही सद्भावना जागी हो, लेकिन वीआईपी व नौकरशाहों को शायद कोई फर्क नहीं पड़ा। भोला की मौत के प्रकरण की जांच करने तो कोई अब तक कैथी गांव पहुंचा नहीं, गुरुवार को मुख्यालय आयी भोला की विकलांग पत्नी का विकलांग प्रमाण पत्र बनाने में भी सीएमओ ने कायदे-कानून गिना दिये। उन्हें यह भी नहीं लगा कि उसे दुबारा आने में कितनी तकलीफ होगी।

भरुआ सुमेरपुर के कैथी गांव में राम धुन करते भोला की हालत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। उसे दु:ख था कि अभी तक मुख्यमंत्री गांव नहीं आए। गुरुवार को भोला की विकलांग पत्नी मुन्नी देवी को लेकर उनका देवर लालमन मुख्यालय आया। जैसे ही जिलाधिकारी को देखा दौड़ पड़ा, पूरी स्थिति बताई। जिलाधिकारी ने महिला की हालत देखकर उसे तुरंत मुख्य चिकित्साधिकारी के पास विकलांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए भेजा। पर वहां उसे घोर निराशा हुई, जब साहब ने साहबी दिखा दी और कहा कि अभी कोई डॉक्टर नही चार दिन बाद आना और फिर जांच कर प्रणाम पत्र बनाया जाएगा।

चलने-फिरने से लाचार मुन्नी को फिर से चंद्रावल नदी पार कर लगभग 50 किलोमीटर जिला मुख्यालय अपना विकलांग सर्टीफिकेट बनवाने आना पड़ेगा। मुन्नी देवी का सहयोग कर रहे कांग्रेसी नेता युगराज सिंह ने कहा कि जिलाधिकारी ने तो मिलते ही उसकी हालत देखकर सीएमओ के पास भेज दिया। लेकिन उन्होंने टरकाने वाले अंदाज में बात कर पीड़ित को वापस कर दिया। उधर, 'दैनिक जागरण' कार्यालय में आकर भोला दर्जी के भाई लालमन ने बताया कि सोमवार को उसके भाई की मृत्यु हुई थी। लेकिन आज तक भाई की मृत्यु के बाद कोई सरकारी अधिकारी जांच करने घर नही पहुंचा। कहा कि गांव में एक व्यक्ति के फोन पर नायब तहसीलदार का फोन आया था और उन्होंने उससे भाई की मौत की जानकारी ली है।

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