Tuesday, March 30, 2010

नाना जी की समाजसेवा को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का संकल्प

चित्रकूट। उद्यमिता विद्या पीठ में जुटे समाजसेवियों ने युगानुकूल सामाजिक पुनर्रचना सहयोगी कार्यकर्ता सम्मेलन के समापन पर दीन दयाल शोध संस्थान के संरक्षक व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मदन दास देवी ने कहा कि नाना जी तो अब हमारे बीच नहीं रहे पर उनके विचार हमेशा जागृत रहेंगे और उनको लेकर हम सब आगे बढ़ने का काम करेंगे।

उन्होंने कहा कि भौतिक उन्नति से ज्यादा जरूरी लोगों में परस्पर सहभागिता की भावना को जागृत करना है जिससे लोग सहजीवी होकर जी सकें। दीन दयाल शोध संस्थान सबसे निचली पंक्ति के व्यक्ति की शैक्षणिक, आर्थिक, स्वास्थ्य और उन्नति के लिए जो कार्य कर रहा है, उसे सीख कर अपने क्षेत्रों में फैलाने में जुट जायें यही नाना जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
संस्थान के प्रधान सचिव डा. भरत पाठक ने कहा कि वैसे तो नाना जी से प्रेरणा लेकर काम करने वालों की सूची काफी बड़ी है पर सुरभि शोध संस्थान वाराणसी के भानु भाई जालान, ज्ञान प्रबोधनी महाराष्ट्र के सुभाष पांडे, गोवमुखी सेवा धाम के बनवारी लाल, जबलपुर के दीप शंकर बनर्जी, मोक्षदायिनी सेवा समिति के प्रदीप पांडे, ग्रामीण स्वाभिमान संस्था नागौर, मैत्री फाउंडेशन ट्रस्ट के साथ ही अनेकों लोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी प्रबंध, गो प्रबंधन, कृषि व ग्रामीण विकास के विभिन्न ग्रामों में नाना जी से प्रेरणा लेकर आज काफी अच्छा कार्य कर रहे हैं।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सुरेश सोनी ,अध्यक्ष वीरेन्द्र जीत सिंह, संगठन सचिव अभय महाजन , संस्थान के उपाध्यक्ष प्रभाकर राव मुंडले, नितिन सांवले, उद्यमिता विद्या पीठ की निदेशक डा. नंदिता पाठक, क्षेत्रीय संघ चालक श्री कृष्ण माहेश्वरी, मप्र के कैबिनेट मंत्री विजय शाह, कृषि राज्य मंत्री ब्रजेन्द्र सिंह, राज्य सभा सांसद प्रभात झा तथा कर्नाटक से आये विधायक नागेश के साथ ही देश के हर प्रांत से आये सामाजिक क्षेत्र के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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