Thursday, April 4, 2013

रोशनी की तलाश में राम से आस

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है वैसे वैसे राम के नाम के आसरे पिछले 45 दिनों से गांव के पुराने शिव मंदिर में बैठे भक्तों का उत्साह बढ़ता दिखाई दे रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि रात की ठंड काफी बढ़ चुकी है और मंदिर के खुले चौबारे में लगभग 75 से सौ ग्रामीण राम का नाम ले रहे हैं।

भरुआ सुमेरपुर क्षेत्र के कैथी गांव के प्राचीन शिव मंदिर में क्षेत्रीय विकास को लेकर गत 9 अक्टूबर को शुरू हुई राम धुन बृहस्पतिवार को लगातार 45वें दिन भी जारी रही। ग्राम प्रधान वासुदेव निषाद कहते हैं कि भइया जहां दिन में लोगों की भीड़ लगी रहती है। दिन में पांच सौ स्त्री और पुरुष राम का नाम लेते हैं वहीं रात में भी लोगों का उत्साह इस समय बढ़ा हुआ है। ग्रामीण उम्मेद सिंह,विकास शिवहरे, अरिमर्दन सिंह, सुदामा सिंह आदि कहते हैं कि भइया भोला के जाने के बाद तो गांव वालों ने संकल्प कर लिया है कि अब कुछ भी हो जाए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आने के पहले राम का नाम लेना बंद नही किया जाएगा। ग्रामीणों ने कहा कि वैसे तो उनकी किसी से कोई बुराई नही है पर अभी तक गांव में कांग्रेस व भाजपा के नेताओं के साथ विधायक दो बार आई है। प्रशासनिक अधिकारियों में अपर जिलाधिकारी व उप जिलाधिकारी भी आकर अपने स्तर से कार्यवाहियां कर चुके हैं पर सत्ता पक्ष का कोई भी नेता गांव में नही आया है। उन्होंने कहा कि वह सभी का सम्मान करते हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग किया कि गरीब भोला के परिवार को जल्द से जल्द मदद दिलाई जा सके जिससे उसका परिवार जिंदा रह सके।

उधर, विधायक साध्वी निरंजन ज्योति ने बताया कि आज से प्रारंभ हो रही विधानसभा में कैथी गांव की रामधुन के मुद्दे को प्रमुखता से उठाने के लिए विधान मंडल दल के नेता को पत्र भ्ेाज चुकी हैं और इस मुद्दे को वह खुद भी सदन की पटल पर रखेंगी।

भोला के बिछुड़ने का ग़म, पर लक्ष्य से न डिगेंगे हम

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : भोला की मौत की दर्दनाक घटना ने दु:ख तो बहुत दिया, पावन माहौल को मातमी भी कर दिया, लेकिन लोग अपने लक्ष्य से डिगे नहीं हैं। ग़मज़दा ग्रामीणों के बुलंद जज़्बे की बदौलत कैथी गांव के प्राचीन शिव मंदिर में मंगलवार को लगातार 43वें दिन भी राम धुन जारी रही।

गौरतलब है कि गांव में मुख्यमंत्री को बुलाने के उद्देश्य के साथ यहां बीती 9 अक्टूबर से राम धुन के पाठ का आरंभ हुआ था। इतने दिन बीतने पर भी मुख्यमंत्री नहीं आये, इस सदमे से रविवार रात यहां के निवासी भोला ने दम तोड़ दिया। हालांकि गमज़दा माहौल में ही सही, लेकिन राम धुन लगातार जारी है। गांव के उम्मेद सिंह, अरिमर्दन सिंह, विकास शिवहरे, सुदामा सिंह, राजेश यादव,जग्गू सिंह, राजेन्द्र सिंह, राजा गुप्ता, मोहन लाल, शिवम सिंह आदि का कहना है कि भोला ने साथ छोड़ दिया पर उसके जाने के बाद तो और भी तमाम भोला सामने आ गए हैं। गांव के विकास के लिए अपने प्राणों की आहुति देकर भोला ने इतिहास बनाया है। उसका साथ छोड़ना व्यर्थ नही जाएगा। उसके साथ देखे गए सपने सभी गांव के लोग पूरा करेंगे। इसकी का परिणाम है कि 43 दिन बीत गए, लेकिन राम नाम का अखंड जाप लगातार जारी है।

गांव के लोग अब एकमत हैं कि जब तक मुख्यमंत्री गांव में आकर खुद यज्ञ में अपने हाथों आहुतियां न डाल दें राम राम यज्ञ अनवरत जारी रहेगा। गांव में देर शाम पहुंचे कांग्रेसी नेता युगराज भदौरिया ने भोला के घर जाकर विपन्नता की तस्वीर देखकर कहा कि उन्होंने कभी सोचा न था कि इस आधुनिक युग में लोग ऐसे भी रहते हैं। भोला के जाने के बाद अब तो उसके घर की हालत और भी ज्यादा खराब हो गई है। निराशाजनक बात यह है कि अभी तक प्रशासन की तरफ से एक भी मदद नहीं मिली। यह निराशाजनक है।

उन्होंने कहा कि वह बुधवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, प्रदीप जैन 'आदित्य', उप्र कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल खत्री को पत्र लिखकर यहां के हालात के साथ पिछले 43 दिन से चल रही राम धुन के बारे में जानकारी देंगे व यहां आकर वास्तविकता देखने का निवेदन करेंगे।

क्या राम राम करते लखनऊ जायें?

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि: अभी लोकसभा के चुनाव के लिए घोषित प्रत्याशी को अंतिम न माने, समीक्षा के बाद प्रत्याशी बदला जा सकता है। मिशन 2014 के लिए सपा को केवल जिताऊ प्रत्याशी ही मैदान में उतारने हैं। यह बातें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डा. राम आसरे सिंह कुशवाहा ने सपा ब्राहमण सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला के आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कहीं।

उन्होंने कहा कि वैसे तो वह कुशवाहा शाक्य, मौर्य सम्मेलन में न्यूरिया व विवांर गांव में आए थे। लेकिन पत्रकारों से बात करना जरूरी था। उन्होंने कहा कि अगर कैथी के लोग चाहें तो वह बतौर प्रतिनिधि मंडल लखनऊ आ जाएं तो वह मुख्यमंत्री से बात करा सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री से खुद भी बात कर वहां पर आने की बात कही।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एफडीआई बिल लाने वाली है। अगर यह जनहित में न हुआ और किसान विरोधी हुआ तो सपा इस बिल का पुरजोर विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई किसी दल विशेष से नही है बल्कि विचारों की लड़ाई है। पत्रकारों द्वारा टेक्निकल विद्यालय खोलने के सवाल पर उन्होंने सांसद जिताकर भेजने की शर्त रखी।

इस दौरान जिलाध्यक्ष ज्ञान सिंह यादव व जिला सचिव शिव प्रसाद कुशवाहा आदि लोग मौजूद रहे। इसके पूर्व श्री कुशवाहा के जिला आगमन पर जिलाध्यक्ष समेत तमाम सपाईयों ने यमुना पुल पर स्वागत कर माल्यार्पण किया।

राम का भजन यानि परमात्मा का चिंतन

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : कैथी गांव में सोमवार को अजीब दृश्य था। प्रतिदिन प्रफुल्लित होकर राम भजने वाले ग्रामीण सुबह से दु:खी थे। शिव मंदिर पर राम धुन करने पहुंचे लोग सिसकियों के साथ भगवान का नाम ले रहे थे। हर एक सांस में दिवंगत ग्रामीण भोला के लिए आह निकल रही थी।

गांव में राम धुन सोमवार को लगातार 42वें दिन भी जारी रही, लेकिन भोला की मौत के कारण उसमें लगे ग्रामीणों में खुशी की स्थान पर दु:ख झलक रहा था। गांव के उम्मेद सिंह, विकास शिवहरे, सुदामा सिंह, सुभाष, राजा भइया, दृगविजय, बल्लू, रामदास निषाद, बालेन्द्र सिंह, जयराम सिंह, हरीकृष्ण यादव, छोटे खां, राम प्रकाश गुप्ता आदि ने कहा कि शायद भगवान की यही मर्जी थी। आज नही तो कल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गांव में आएंगे और यहां पर भी विकास की गंगा बहेगी। लेकिन बीच मझधार में भोला ने साथ छोड़ दिया। बताया कि दिन में भोला सिलाई का काम करता था और रात में दो बजे प्रतिदिन राम राम करने की अपनी 'ड्यूटी' पर मुस्तैदी से आ जाते थे। विधायक साध्वी निरंजन ज्योति भी मौके पर पहुंची। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय में गांव में चल रहे इस अनोखे राम नाम संकीर्तन महायज्ञ की जानकारी दी है।

हम तो हमारे राम जी के, राम जी हमारे हैं

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : राम नाम के आसरे पिछले 41 दिनों से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को गांव में बुलाने की आशा में बैठे भरुआ सुमेरपुर ब्लाक के कैथी गांव के बाशिंदों को रात में प्रारंभ हो चुकी तेज ठंड हौसला डिगा नहीं पा रही है। आश्चर्य की बात यह है कि दिन से ज्यादा लोग राम का नाम लेने रात में जुट रहे हैं। ग्राम प्रधान के साथ ही गांव के लोग अलाव की व्यवस्था के साथ दो तीन बार चाय की भी व्यवस्था कर रहे हैं।

भरुआ सुमेरपुर क्षेत्र के कैथी गांव के प्राचीन शिव मंदिर में रविवार को लगातार 41वें दिन भी राम धुन जारी रही। गांव की महिलाएं जहां इस अनोखे आंदोलन से उत्साहित हैं वहीं गांव का बच्चा बच्चा इस समय राम का नाम बोलता दिखाई दे रहा है। तभी तो इतने दिन बीतने के बाद गांव का हर बच्चा दूसरे बच्चे से कहता है, 'राम जी करेंगे बेड़ा पार उदासी मन काहे को डरे।' उधर गांव के बुजुर्गो ने बच्चों को हनुमान चालीसा व राम चालीसा के बारे में भी बताना प्रारंभ कर दिया है। गांव के कई लोग हनुमान बाहुक, शिव चालीसा का पाठ भी करते दिखाई देते हैं। उधर मस्जिद में भी मुसलमान भाई नमाज के बाद शुक्राना की नमाज के बाद गांव में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जल्द आने की दुआ मांगते हैं। इसके साथ ही मुसलमान भाई मंदिर में बैठकर प्रतिदिन राम का नाम भी रोज लेते दिखाई देते हैं। उम्मेद सिंह, विकास शिवहरे, अरिमर्दन सिंह, खुशी राम आदि कहते हैं कि भइया वक्त कितना लग जाए पर जब तक मुख्यमंत्री गांव में नही आएंगे तब तक राम धुन अनवरत जारी रहेगी।

विकास के यज्ञ में प्राणों की आहुति

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : भरुआ सुमेरपुर क्षेत्र के कैथी गांव के प्राचीन शिव मंदिर में क्षेत्रीय जन समस्याओं के विरोध में राम धुन के रूप में शुरू हुए अनूठे लेकिन पावन आंदोलन में स्याह रंग लग गया। गत 41 दिन से लगातार जारी राम धुन में लीन रहे एक ग्रामीण की गत रात्रि मृत्यु हो गयी। बताते हैं कि वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गांव में न आने से क्षुब्ध था और शाम से ही 'इतने दिन बीत गये इंतजार करते हुए, लेकिन अखिलेश नहीं आए, अखिलेश नहीं आए..' कह रहा था। रात में सीने में दर्द होने के बाद उसके प्राण निकल गये। अंदेशा है कि हृदयाघात से उसकी मौत हुई।

जानकारी के मुताबिक भरुआ सुमेरपुर ब्लाक के कैथी गांव निवासी भोला अपनी पत्नी मुन्नी देवी व पांच बच्चों के साथ रहते थे। परिवार का पेट पालने के लिए वह दर्जीगिरी करते थे। उनकी एक बेटी विवाह योग्य और बाकी नाबालिग हैं। क्षेत्रीय जन समस्याओं को लेकर गांव के प्राचीन शिव मंदिर में गत 9 अक्टूबर से चल रही राम धुन में वह भी सहभाग कर रहा था। इस आंदोलन का उद्देश्य सूबे के मुखिया अखिलेश यादव को गांव बुलाना बन चुका है। यहां अनवरत राम धुन के लिए कुछ घंटों की पाली की व्यवस्था की गयी है। रविवार देर शाम से वह लोगों से कहते घूम रहे थे कि, 'इतने दिन बीत गए। गांधी राम भजन कर अंग्रेजों को झुका लेते थे पर लगता है कि हमारे द्वारा चुनी गई सरकार के मुख्यमंत्री के कानों तक गुहार नहीं पहुंच रही है।' भोला राम धुन करने रविवार रात 2 बजे की पाली में भी आए। घंटा भर बाद लगभग 3 बजे उनके सीने में अचानक दर्द उठा और बोले कि, 'दिल घबरा रहा है। जल्दी घर ले चलो।'

राम धुन में लगे विकास शिवहरे व जीतेन्द्र सिंह उन्हें घर लेकर जा रहे थे तभी वह तीन-चार बार बोले कि, 'लगता है मुख्यमंत्री आएंगे नहीं।' दोनों लोग उनको घर पहुंचकर वापस रामधुन स्थल शिव जी के मंदिर में आ गए। थोड़ी देर बाद खबर आई कि भोला के सांसों की डोर टूट गई है। इसके बाद कोहराम मच गया। ग्रामीण भोला के घर दौड़ पड़े। भोला की पत्‍‌नी मुन्नी देवी ने कहा कि उनकी संतानें अनाथ हो गए। ग्रामीणों ने पुरोहितों की सलाह पर सोमवार दोपहर 2 बजे के बाद केवन नदी के गढ़ा घाट में जल दाह कर दिया। भोला की मौत से गांव में मातम का माहौल है।

'राजनाथ आयेंगे, होगा बड़ा आंदोलन'

दोपहर बाद गांव पहुंचीं विधायक साध्वी निरंजन ज्योति ने पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि भोला गांव के विकास के नाम पर शहीद हुए हैं। उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। उन्होंने लोगों को सांत्वना देते हुए तेरहवीं में आर्थिक मदद देने का आश्वासन देते हुए कहा कि जल्द ही गांव में भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह आएंगे और बड़ा आंदोलन किया जाएगा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता युगराज सिंह ने कहा कि उन्हें भोला की मौत का दु:ख है। वह मंगलवार को गांव में जाकर हालत देखेंगे और फिर वरिष्ठ नेताओं से बात करेंगे। अपर जिलाधिकारी रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि उन्होंने गांव में टीम भेज दी है। रिपोर्ट मिलने पर पीड़ित परिवार की मदद की जाएगी।

राम के आसरे ही चल रही है राम धुन

हमीरपुर, निज प्रतिनिधि : न किसी से गिला है न किसी से शिकवा। जब हमारा भाग्य ही हमसे रूठा है तो हम किसे दोष दें?.. कुछ इस तरह के शब्द निकलते हैं भरुआ सुमेरपुर ब्लाक के कैथी गांव के निवासियों के।

गांव के लोग बिगड़ी नियति का सहारा हरि हर को मानकर उन्हीं का नाम लेने बैठने के बाद अब साफ शब्दों में कहते हैं कि हमें किसी से कोई दिक्कत नहीं। सरकार के द्वारा चलाई जाने वाली कल्याणकारी योजनाएं हमारे पास पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देती हैं। आखिर आजाद भारत में ऐसा क्यों होता है। शिक्षा के लिए कक्षा पांच से ज्यादा का स्कूल नही, लिहाजा बच्चों को या तो बाहर भेजो या फिर घर में बैठाकर बखर हंकवाओ। खैर आज नही तो कल भगवान को भी सुधि आएगी ही और विकास की रोशनी गांव में आएगी। तब शायद हमारा भाग्य सुधरे। वैसे गांव में चल रही अखंड राम धुन को शुक्रवार को 39 दिन बीत गए हैं, और इससे गांव के माहौल में आशातीत परिवर्तन हुआ है। कल तक नशे की गिरफ्त में रहने वाले युवा आज राम नाम का तप करते सड़कों व गलियों पर दिखते हैं।

ग्राम प्रधान वासुदेव निषाद, उम्मेद सिंह, अरिमर्दन सिंह, विकास शिवहरे, रामवती, मौजी लाल, शिव मूरत, राम लाल आदि कहते हैं कि भइया राम जी के सहारे हम बैठे हैं और उसी राम की पूजा तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी करते हैं अब उनको कब इस गांव की याद आएगी। यह तो वही जानते हैं पर इतना साफ है कि आज नही तो कल वह यहां पर आएंगे और राम नाम यज्ञ में भाग लेकर कृतार्थ करेंगे।